A Motivational Story- Must read

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प्राचीन काल में छात्रों को गुरुकुल जैसे स्कूल में भेजा जाता था, सभी छात्र वहीं रह कर पढाई किया करते थे और वहां के बहुत से काम भी किया करते थे | ऐसा ही एक गुरुकुल था एक जंगल में, शहर से दूर वहां सौ से ज्यादा शिक्षक थे | एक बार एक लड़का वहां पढाई के लिए गया और उसकी वहां के लड़को से दोस्ती बन गयी और वो भी वहां के काम अच्छे से करने लगा | पर वह पढाई में अच्छा नहीं था | साल के अंत में सभी छात्र अगली कक्षा में गए पर वो नहीं जा पाया | सभी ने बहुत मेहनत की इस लड़के ने भी की पर वो नहीं जा पाया | एक दिन एक शिक्षक ने कहा की पढाई तुम्हारे बस का नहीं है, तुम घर जाओ और घर में अपने माता पिता की सहायता करो | वो घर आ गया | एक दिन वो एसे ही टहल रहा था गुरुकुल से लगभग दस किलोमीटर दूर उसे प्यास लगी और एक कुएं के पास गया, उसने कुए में देखा की पत्थर पर बहुत से निशान बने हुए हैं और पत्थर कटे हुए हैं | उसने एक औरत से पूंछा की आपने ये निशान कैसे बनाये, उस औरत ने बताया की ये इस रस्सी को बार बार ऊपर निचे करने से बने हैं और बार बार रगड़ने की वजह से बने हैं तब उसको समझ में आया की किसी काम को बार बार करने से एक दिन कोई भी काम किया जा सकता है | वो वापस गुरुकुल गया और खूब मेहनत करने लगा वहां के शिक्षक भी उसे देख कर बहुत खुश थे और उसकी बहुत मदद भी की | बाद में वो एक महान संस्कृत का ज्ञानी बन गया जिसका नाम था आचार्य वरदराज | इन्होने संस्कृत पर बहुत सी किताबें भी लिखीं जिसकी बराबरी अभी भी कोई नहीं कर पाया है |

ऐसे ही जब हम अपनी जिन्दगी में देखते हैं कि कोई काम बहुत कठिन है तो हमें ये देखना चाहिए कि लगातार प्रयास और मजबूत इरादे से कोई भी काम किया जा सकता है लेकिन अगर हम किस्मत पर भरोसा करते हैं और बैठे रहते हैं तो हमें कुछ भी नहीं मिलेगा |

इस कहानी से ये सार मिलता है कि आपको अपने अंदर दो चीजें लाना है एक मजबूत इरादा और बिना रुके हुए मेहनत करना | हम सभी को इन्ही दोनों बातों का अनुशरण करना चाहिए | अगर आप सफल बनना चाहते हैं तो इन दोनों अनुशरण करे, आपको सफलता जरुर मिलेगी |

आपको ये पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा |

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