Lab Manual:-Experiment No-5: Pulse Width Modulation
Pulse Width Modulation (PWM) का अध्ययन
उद्देश्य: Pulse Width Modulation (PWM) तकनीक को समझना और इसे लागू करना।
1. PWM का परिचय
- परिभाषा: PWM एक मोडुलेशन तकनीक है, जिसका उपयोग सिग्नल को पल्स में एन्कोड करने के लिए किया जाता है। PWM का मुख्य तत्व है पल्स की चौड़ाई को बदलना, जबकि इसकी फ्रीक्वेंसी समान रहती है।
- Working: PWM में सिग्नल की चौड़ाई बदलती है, लेकिन इसकी फ्रीक्वेंसी (आवृत्ति) स्थिर रहती है। इसके द्वारा एक डिजिटल सिग्नल का पैटर्न तैयार होता है, जिसमें सिग्नल का “ऑन” समय (high time) और “ऑफ” समय (low time) बदला जाता है।

- Application:
- मोटर स्पीड कंट्रोल
- लाइट डिमिंग
- ऑडियो सिग्नल प्रोसेसिंग
- वोल्टेज रेगुलेशन
2. कार्य सिद्धांत
- PWM सिग्नल के गुण:
- फ्रीक्वेंसी (Frequency): यह सिग्नल के प्रति सेकंड के दोहराव को दर्शाता है।
- Duty Cycle: यह सिग्नल के हाई रहने के समय का प्रतिशत होता है।
- ऐम्प्लीट्यूड (Amplitude): PWM सिग्नल का पीक वैल्यू (आमतौर पर स्थिर रहता है)।
- PWM जनरेशन विधियाँ:
- माइक्रोकंट्रोलर (जैसे Arduino, PIC) में टाइमर का उपयोग करके।
- विशेष PWM जेनरेटर का उपयोग करके।
3. प्रयोग सेटअप
- हार्डवेयर आवश्यकताएँ:
- माइक्रोकंट्रोलर (Arduino या अन्य)
- डिजिटल ऑस्सील्लोस्कोप
- पावर सप्लाई
- LED (PWM प्रभाव को देखने के लिए)
- मोटर (स्पीड कंट्रोल प्रयोग के लिए)
- सॉफ़्टवेयर आवश्यकताएँ:
- Arduino IDE (माइक्रोकंट्रोलर को प्रोग्राम करने के लिए)
Block Diagram & Waveform:


4. विधि
चरण 1: PWM सिग्नल जनरेशन
- माइक्रोकंट्रोलर को कंप्यूटर से USB द्वारा कनेक्ट करें।
- Arduino IDE में एक सरल प्रोग्राम लिखें जो PWM सिग्नल को एक पिन पर जनरेट करे।
चरण 2: PWM सिग्नल का मापना
- ऑस्सील्लोस्कोप का उपयोग करके PWM सिग्नल को मापें।
- फ्रीक्वेंसी और ड्यूटी सायकल का अवलोकन करें।
- ड्यूटी सायकल बदलें और पल्स की चौड़ाई में बदलाव देखें।
चरण 3: PWM प्रभाव को देखना
- PWM आउटपुट पिन पर एक LED कनेक्ट करें।
- अलग-अलग ड्यूटी सायकल (जैसे 25%, 50%, 75%) का उपयोग करें और LED की ब्राइटनेस को देखें।
चरण 4: उन्नत प्रयोग (वैकल्पिक)
- एक छोटे DC मोटर को PWM आउटपुट पिन से कनेक्ट करें।
- ड्यूटी सायकल को बदलकर मोटर की स्पीड को नियंत्रित करें।
5. अवलोकन
- PWM सिग्नल पर ड्यूटी सायकल का प्रभाव:
- 0% ड्यूटी सायकल: सिग्नल हमेशा लो रहता है।
- 50% ड्यूटी सायकल: सिग्नल आधे समय के लिए हाई और बाकी समय के लिए लो रहता है।
- 100% ड्यूटी सायकल: सिग्नल हमेशा हाई रहता है।
- PWM का मोटर स्पीड पर प्रभाव:
- मोटर की स्पीड ड्यूटी सायकल के अनुसार बदलती है।
6. परिणाम और चर्चा
- ड्यूटी सायकल को बदलने से PWM सिग्नल की ऐम्प्लीट्यूड और फ्रीक्वेंसी पर किस प्रकार असर पड़ता है, इस पर चर्चा करें।
- PWM के द्वारा लोड (LED/मोटर) को डिलीवर की जा रही पावर के नियंत्रण पर विचार करें।
- इसके वास्तविक जीवन में उपयोग के उदाहरण दें, जैसे कि लाइट्स की डिमिंग या मोटर स्पीड कंट्रोल।
7. निष्कर्ष
- Pulse Width Modulation के कार्य सिद्धांत और महत्व को संक्षेप में समझाएं।
- PWM के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग जैसे मोटर नियंत्रण, ऑडियो मोड्यूलेशन, और वोल्टेज रेगुलेशन को प्रमुख रूप से उजागर करें।