What is Cloud Seeding? ( Artificial Rain )

हेलो दोस्तों,
आज हम चर्चा करने जा रहे हैं क्लाउड सीडिंग के बारे में या कृत्रिम वर्षा के बारे में | हम जानते हैं कि बादल छोटे छोटे पानी की बूंद से बने होते हैं और ये बादल तब बनते हैं जब वायुमंडल में जल वाष्प ठंडा हो जाता है और वायुमंडल में तैरते धूल के छोटे कण के आसपास संघनित हो जाता है।
क्लाउड सीडिंग एक ऐसी वैज्ञानिक तकनीक है जिसमे जहाँ बारिश नहीं होती है और वहां बारिश कराना हो या जहाँ बहुत बारिश होती है वहां बारिश कम करना हो तब वहां क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है | जहाँ बारिश नहीं होती है वहां इस तकनीक से आस पास के जलवाष्प कणों को एक जगह एकत्रित करके बादल का निर्माण कराया जाता है और बारिश करवाई जाती है |
इसी तरह अगर जहाँ बहुत ज्यादा बारिश होती है और वहां किसी दिन बारिश को रोकना या कम करना होता है तब 4-5 दिन पहले वहां क्लाउड सीडिंग कराई जाती है जिससे वहां बारिश समय से पहले हो जाती है और जिस दिन बारिश न करवानी हो तो उस दिन बारिश नहीं होगी |
इस प्रक्रिया में बर्फ और पानी के क्रिस्टल के निर्माण में सहायता के लिए सिल्वर आयोडाइड (एजीआई) नामक यौगिक का उपयोग करते हैं। सिल्वर आयोडाइड प्राकृतिक रूप से पर्यावरण में कम सांद्रता में मौजूद होता है, और यह मनुष्यों या वन्यजीवों के लिए हानिकारक नहीं माना जाता है। जहाँ मौसम शुष्क होता है वहां क्लाउड सीडिंग करने से भी बारिश होना संभव नहीं होता है |
क्लाउड सीडिंग का उपयोग दुनिया भर में शीतकालीन बर्फबारी को बढ़ाने और पहाड़ी बर्फबारी को बढ़ाने के लिए एक विधि के रूप में किया जाता है|
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